छू मुझे छू, खुदा रूह, मुझे छू
छू मुझे छू, खुदा रूह, मुझे छू
मेरी जाँ को, मेरी रूह को
मेरे बदन को छू, छू, मुझे छू
खुदा रूह, मुझे छू
मट्टी को कुम्हार जैसे
हाथों से अपनी सवाँरे
यूँ ही कलामे खुदावंद
गूंधे हमें और निखारे
धो, मुझे धो
खुदा रूह मुझे धो
मेरी जाँ को, मेरी रूह को
मेरे बदन को छू
छू मुझे छू...
आलूदगी जाँ जिस्म की
रूह की तू दूर कर दे
खौफ-ए-यहोवा हो कामिल
पाकीज़गी से तू भर दे
भर, मुझे भर
खुदा रूह, मुझे भर
मेरी जाँ को, मेरी रूह को
मेरे बदन को छू
छू मुझे छू...
होटों को छू, सोचों को छू
ख्यालों को छू, ऐ यीशु
छू मुझे छू...
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