एक बार तू मसीहा का दीवाना बन के देख - 2
जल जा उसी के प्यार में दीवाना बन के देख
१. ग़र इश्क देखना है तो, सूली पे वार कर - 2
सच्चाई देखनी है तो, पसली पे कर नज़र
कीलों से छेदे हाथ को नज़राना बन के देख
२. जितनी पड़े मुसीबते, सर पे उठाए चल - 2
इल्ज़ाम कोई लगाए तो, ढाए कोई सितम
दीदार देखना है तो सब कुछ लुटा के चल
एक बार तू मसीहा का दीवाना बन के देख - 2
जल जा उसी के प्यार में दीवाना बन के देख
१. ग़र इश्क देखना है तो, सूली पे वार कर - 2
सच्चाई देखनी है तो, पसली पे कर नज़र
कीलों से छेदे हाथ को नज़राना बन के देख
२. जितनी पड़े मुसीबते, सर पे उठाए चल - 2
इल्ज़ाम कोई लगाए तो, ढाए कोई सितम
दीदार देखना है तो सब कुछ लुटा के चल
No comments:
Post a Comment